अदालत ने जताई नाराजगी, कहा- जिस चार्ट में नक्शा मांगा है, उसी रूप में दें |
झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को रांची नगर निगम में नक्शा पास करने में हो रही देरी को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान आैर जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ में नगर निगम की ओर से वर्ष 2023 से अब तक जमा हुए भवनों का नक्शा, स्वीकृत नक्शा और पेंडिंग नक्शा की रिपोर्ट जमा की गई। लेकिन यह टेबुलर चार्ट में नहीं था। इस पर अदालत ने नाराजगी प्रकट की। अदालत ने कहा कि कोर्ट ने टेबुलर चार्ट में डेटा मांगा है तो उसी फॉर्मेट में रिपोर्ट दें। अदालत ने अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को निर्धारित करते हुए कहा कि टेबुलर चार्ट में ही रिपोर्ट सौंपे।
मालूम हो कि पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि था कि रांची नगर निगम अपने नक्शा पास करने के कार्यों में पारदर्शिता लाए। इसके लिए सभी जानकारी अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करे, ताकि नक्शा पास करने और आवेदन के बारे में सटीक जानकारी मिल पाए। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कहा गया था कि अगर रांची नगर निगम की ओर से निर्धारित समय में नक्शा पास नहीं किया जाता है तो उसे डीम्ड स्वीकृति मानी जाए।
नियमानुसार एक माह में नक्शा पास किया जाना है। क्योंकि, सबकुछ सही होने पर उसे स्वत: स्वीकृत मानने का प्रावधान है। लेकिन नगर निगम में नक्शा पास कराने में लोगों को पसीने छूट जाते हैं। पारदर्शिता नहीं है। इस पर अदालत ने वर्ष 2023 ये अब तक जमा हुए नक्शा के आवेदन, स्वीकृत नक्शा आैर पेंडिंग नक्शा की डिटेल टेबुलर चार्ट में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
