लोगों में होड़… पुरानी कीमत पर 268 जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री

रांची सहित राज्यभर के शहरी क्षेत्र में जमीन-फ्लैट की सरकारी दर में एक अगस्त से बढ़ोतरी हो जाएगी। वर्तमान कीमत में करीब 12 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है। ऐसे में जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री कराने के लिए क्रेता को अधिक पैसे खर्च करने होंगे। इससे बचने के लिए निबंधन कार्यालयों में जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री कराने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। चार निबंधन कार्यालयों में कुल 370 डीड सबमिट किए गए लेकिन रात 10 बजे तक मात्र 268 डीड की ही रजिस्ट्री हो पाई।

रांची मुख्य निबंधन कार्यालय में 184 डीड सबमिट हुए थे इसमें से 106, रांची ग्रामीण में 104, अर्बन 3 में 55 आैर अर्बन 2 में 32 डीड की रजिस्ट्री हुई। दोपहर से शाम तक अचानक लोड बढ़ने से सर्वर स्लो हो गया। इस वजह से क्रेता-विक्रेता को परेशानियों का सामना करना पड़ा। शाम के बाद रजिस्ट्री की प्रक्रिया तेज हुई फिर भी सभी डीड की रजिस्ट्री नहीं हो पाई। जिन लोगों के डीड की रजिस्ट्री नहीं हुई उनके पास अब दो दिन बचे हैं। गुरुवार तक पुरानी दर पर रजिस्ट्री होगी।

Reference : https://www.bhaskar.com/local/jharkhand/ranchi/news/competition-among-people-registry-of-268-land-flats-at-old-price-135560990.html

अफसरों से साठगांठ कर औद्योगिक जमीन पर बना ​​दी 6 मल्टीस्टोरी बिल्डिंग

सीबीआई ने दाखिल की चार्जशीट, छह अपार्टमेंट से जुड़े 26 आरोपियों के हैं नाम | वर्ष 2010-11 में नामकुम प्रखंड अंतर्गत औद्योगिक जमीन पर बिल्डरों ने तत्कालीन बीडीओ, सीओ और जूनियर इंजीनियर के साथ मिलीभगत कर छह मल्टी स्टोरी बिल्डिंग का निर्माण कर दिया। इनमें सूर्या एनक्लेव, सत्या एनक्लेव, विजय होम्स, नारायण टावर, ओम शांतिपुरम अपार्टमेंट और अमृत वाटिका अपार्टमेंट शामिल हैं

। सभी अपार्टमेंट चार तल्ला से लेकर 6 तल्ला तक बने हुए हैं। सभी अपार्टमेंट के फ्लैट बिक चुके हैं। इन सभी अपार्टमेंट का नक्शा स्वीकृति देने वाली अथॉरिटी आरआरडीए ने नक्शा आवेदन को खारिज कर दिया था। क्योंकि अपार्टमेंट से संबंधित जमीन संशोधित मास्टर प्लान 1983 के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र की जमीन थी। इसके बावजूद संबंधित अपार्टमेंट के बिल्डर नामकुम प्रखंड के तत्कालीन बीडीओ संजय सिन्हा, अंचल अधिकारी अमित कुमार, प्रमोद कुमार चौधरी और राम लखन प्रसाद गुप्ता तथा प्रखंड के तत्कालीन जूनियर इंजीनियर सत्यनारायण सिंह और अजय राम व कर्मचारी पालन राम पांडे से मिलीभगत कर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग का निर्माण करने में सफल हो गए। साथ ही सभी फ्लैट की बिक्री भी कर दी। सभी छह अपार्टमेंट से जुड़े बिल्डर और पार्टनर के खिलाफ सीबीआई ने अदालत में दस्तावेज सबूत के साथ चार्जशीट दाखिल कर दी है।

नक्शा विचलन मामले में वर्ष 2011 में हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने ली थी जांच की जिम्मेदारी

नक्शा विचलन को लेकर सर्वप्रथम 2011 में सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी। इससे पूर्व नक्शा विचलन को लेकर 22 मार्च 2011 को झारखंड हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच करने की जिम्मेदारी दी थी। सीबीआई ने नक्शा विचलन को लेकर आरआरडीए के विशेषज्ञ तथा बिल्डिंग निर्माण विभाग और राज्य सरकार के राजस्व विभाग के विशेषज्ञ के साथ मिलकर शहर के अलग-अलग हिस्सों में कुल 59 मल्टी स्टोरी बिल्डिंग का निरीक्षण किया था। जिसमें से पांच मल्टी स्टोरी बिल्डिंग को लेकर सीबीआई ने पूर्व में ही अदालत के समक्ष चार्जशीट दाखिल कर दी है। पिछले दिनों सीबीआई ने 19 अपार्टमेंट को लेकर कुल 71 आरोपियों के खिलाफ दस्तावेज सबूत के साथ अदालत में चार्जशीट दाखिल की है।

इनके खिलाफ चार्जशीट… जिनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया है, उसमें बेनी माधव राय, प्रमोद कुमार सिंह, विजय कुमार शर्मा,संजय सिन्हा, बृजनंदन प्रसाद, राज केश्वर महतो, अमित कुमार, प्रमोद कुमार चौधरी, पालन राम पांडे, लवलीन कुमार, सत्यनारायण सिंह, विनोद कुमार, राम लखन प्रसाद गुप्ता, देवेंद्र नारायण सिंह, अमित कुमार, अमरेंद्र कुमार ,आरती कुमारी, श्याम प्रकाश, रमेश कुमार शर्मा, आराधना प्रसाद और अजय राम शामिल हैं।

Reference : https://www.bhaskar.com/local/jharkhand/ranchi/news/in-collusion-with-officers-6-multi-story-buildings-were-constructed-on-industrial-land-135552474.html

30 दिन में पास करना है नक्शा, कागजातों की जांच में ही लग रहे पांच माह

हाल रांची नगर निगम का | वरिष्ठ संवाददाता, रांची

झारखंड हाइकोर्ट ने रांची नगर निगम अधिकारियों दिया था कि ऐसा सिस्टम बनाएं, जिससे एक माह के अंदर खुद-ब-खुद नक्शा पास हो जाए। पर रांची नगर निगम में आज भी स्थिति यह है कि पांच महीने बीतने के बाद भी फाइलों की जांच नहीं हो पाई है। 72 दिन तक टाउन प्लानर स्तर पर जांच के बाद फाइल 75 दिनों से लीगल सेल में पेंडिंग है। यानी एक नक्शा पास करने में पांच माह से ज्यादा लग रहे हैं। फिलहाल 540 से अधिक प्रस्ताव नगर निगम में नक्शा पास कराने के लिए पेंडिंग हैं।

शुक्रवार ने नगर निगम की वेबसाइट पर कुल 149 प्रस्ताव पेंडिंग दिखा रहे थे। इनमें से 72 दिनों तक टाउन प्लानर स्तर पर जांच हुई और 75 दिनों से लीगल सेल में फंसी रही। कई प्रस्तावों की स्थिति और खराब है। एक फाइल 162 दिन से पेंडिंग है। जबकि दूसरी फाइल 75 दिन तक टाउन प्लानर के पास और फिर लीगल सेल में गई, जो अब तक पास नहीं हुई है।


हाईकोर्ट का निर्देश:
ऐसा सिस्टम बनाएं, जिससे एक माह के अंदर खुद-ब-खुद नक्शा पास हो जाए

नगर निगम की हकीकत:
कागजातों की जांच के नाम पर लीगल सेल में ही महीनों पेंडिंग रहती है फाइल

फिलहाल 540 से अधिक प्रस्ताव पेंडिंग
नगर निगम विभागीय स्तर पर नक्शा पास करने के लिए जो ऑनलाइन प्रणाली बनाई गई है, उसमें अब भी पारदर्शिता नहीं है। नक्शा पास करने में पांच से सात महीने लग रहे हैं।

रांची- जमशेदपुर फोर लेन में 1152 गड्ढे:हर दूसरे दिन हादसा, NHAI रोज वसूल रहा 31 लाख टोल टैक्स, रोजाना गुजरते हैं 24 हजार गाड़ियां

रांची से ओडिशा- कोलकाता को जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी एनएच-33 रांची- जमशेदपुर फोर लेन महज चार साल में ही दम तोड़ने लगी है। रांची के रामपुर से चांडिल टोल चेक नाका तक करीब 98 किमी. लंबी इस सड़क की पड़ताल में रामपुर से चांडिल तक कुल 514 गड्ढे हैं, वहीं चांडिल से रामपुर आते समय 638 गड्ढे दिखे।

स्थानीय लोगों के अनुसार, 15 जून तक सड़क पर कुछ छोटे-छोटे गड्ढों को छोड़कर सड़क ठीक थीं। मगर 16 जून के बाद हुई लगातार बारिश ने सड़कों को खराब एवं जर्जर कर दिया। कम से कम 10 से 15 गड्ढे ऐसे हैं जो जानलेवा हैं। लोगों ने कहा कि सड़क अच्छी नहीं है तो टोल क्यों दें, इसे हटाओ।

हर महीने औसतन हो रही हैं 10 से 15 दुर्घटनाएं

सड़क खराब रहने के कारण केवल एक महीने में बुंडू, तमाड़ एवं चांडिल थाने से मिली जानकारी के अनुसार 22 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें पांच लोगों की जान भी गई है। यानी सुविधा के लिए बनी सड़क जानलेवा हो गई है।

सबसे खतरनाक स्थिति इन स्थानों पर है

चांडिल चौक और चांडिल चेक नाका के पास, जहां पर सड़क इतनी जर्जर हो चुकी है कि केवल गड्ढे ही नजर आते हैं। सिदरौल के पास सड़क जर्जर हो चुकी है।

दामी के पास सड़क पर एक ही जगह कई गड्ढे हैं। सबसे खतरनाक तैमारा घाटी, जहां पर आए दिन हादसे होते रहते हैं, वहां सड़क पूरी तरह से खराब है। रामपुर रिंग रोड के पास चौक के चारों ओर रोड जर्जर हो चुका है।

रोज 24 हजार वाहन आते-जाते हैं

इस सड़क पर दो टोल चेक नाका हैं। एक बुंडू और दूसरा चांडिल के पास। इन चेक नाका से हर दिन (24 घंटे) में 24 हजार से अधिक वाहन आते-जाते हैं। इस दौरान करीब 31 लाख रुपए हर दिन वाहन मालिकों से वसूले जाते हैं। इसके बाद भी लोगों को हर दिन जानलेवा गड्ढों के बीच से सफर करना पड़ता है।

एनएचएआई का क्या है कहना

एनएचएआई की ओर से आनंद सिंह ने कहा कि विगत एक महीने से जारी बारिश के कारण सड़कें इतनी खराब हो गईं। फिलहाल गड्ढों की चिपिंग करके भरा जाएगा। अक्टूबर में मिलिंग कर सड़कों की पूर्ण रूप से मरम्मत कराई जाएगी।

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रांची में आकार लेंगे 5 और फ्लाईओवर…:सुगम होगा यातायात : हरमू रोड फ्लाईओवर की डीपीआर तैयार, जनवरी से शुरू होगा काम, चार अन्य का भी बन रहा नक्शा

कांटाटोली, सिरम टोली और रातू रोड के बाद रांची में 5 और फ्लाईओवर निर्माण की दिशा में काम तेज हो गया है। रांची को जाम से मुक्ति के लिए सरकार का फोकस फ्लाईओवर पर है। हरमू रोड फ्लाईओवर की डीपीआर तैयार हो गई है। इसकी निविदा की प्रक्रिया चल रही है। इसी महीने के अंत तक या अगस्त में इसकी निविदा निकाल दी जाएगी।

नए वर्ष 2026 में इसका काम शुरू हो सकता है। इसके अतिरिक्त चार अन्य फ्लाईओवर का डीपीआर भी तैयार करने का निर्देश दिया गया है। जिस पर काम शुरू हो चुका है। संभवत तीन महीने में डीपीआर तैयार हो जाएगा। इसके बाद इसकी स्वीकृति कैबिनेट से ली जाएगी। अच्छी उम्मीद यह है कि ये पांचों नए फ्लाईओवर बन जाने के बाद राजधानी रांची नए रूप में नजर आएगी।

हरमू रोड फ्लाईओवर की निविदा जल्द

पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार ने कहा- हरमू रोड फ्लाईओवर निविदा की प्रकिया में है। चार अन्य फ्लाईओवर का डीपीआर बनाने का काम भी शुरू हो चुका है। डीपीआर फाइनल होते ही इसे सरकार की मंजूरी के लिए भेजा जाएगाा। मंजूरी मिलते ही आगे की कार्यवाही होगी।

1. हरमू रोड से जज कॉलोनी फ्लाईओवर

यह फ्लाईओवर कार्तिक उरांव चौक से एलपीएन शाहदेव चौक तक कुल 3 किमी लंबा होगा। एक ओर कार्तिक उरांव चौक से शुरू होगा और गौशाला तक जाएगा। सहजानंद चौक से रातू रोड जाने वाले इस फ्लाईओवर का उपयोग कर गौशाला के पास रैंप से उतर कर नीचे की सड़क से जा सकेंगे। दोनों ओर फ्लाईओवर की चौड़ाई 8.5-8.5 मीटर होगी।

फायदा : रातू रोड चौक, गाड़ीखाना चौक, शनि मंदिर चौक, पुरानी रांची चौक पर होने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी। इस इलाके में लगभग 1.25 लाख लोग रहते हैं और मुख्य बाजार होने के कारण बाहर से भी लोग यहां खरीददारी करने आते हैं। हरमू रोड के दोनों ओर घनी आबादी वाले क्षेत्र हैं। हर दिन हजारों लोगों को रोड क्रॉस करके एक से दूसरी आना-जाना पड़ता है, इसके कारण ये चौक जाम रहते हैं।

2. करमटोली से साइंस सिटी फ्लाईओवर

करमटोली चौक से मोरहाबादी होते हुए साइंस सिटी तक 2.2 किमी. लंबा फ्लाईओवर बनाया जाएगा। जिसके ऊपर और नीचे दोनों में सड़क की चौड़ाई 10-10 मीटर होगी। साइंस सिटी से आगे रिंग रोड तक फोर लेन सड़क बनेगी। जिसकी लंबाई पांच किलोमीटर से अधिक है। रामगढ़ की ओर जाने वाला ट्रैफिक लोड बंटेगा, आवागमन में सुविधा होगी।

फायदा : करम टोली से मोहराबादी, बोड़ेया होते हुए वाहन आसानी से रिंग रोड तक जा सकेंगे। हजारीबाग एवं पटना जाने वाले वाहन अगर रातू रोड एरिया से आते हैं तो वे सीधे इस फ्लाईओवर में चढ़कर रिंग रोड होते हुए हजारीबाग- पटना रोड में जा सकते हैं। इतना ही नहीं हजारीबाग -पटना रोड से आने वाले वाहन रिंग रोड से फोर लेन सड़क होते हुए फ्लाईओवर चढ़ कर करमटोली में उतर कर शहर में जा सकते हैं।

3. अरगोड़ा-चापूटोली फ्लाईओवर

अरगोड़ा चौक से कटहल मोड़ होते हुए चापूटोली तक 1.75 किमी. लंबा फ्लाईओवर बनाया जाएगा। इसकी चौड़ाई 10 मीटर रखी जाएगी। पहले से नीचे जा रही सड़क को भी सात मीटर चौड़ा किया जाएगा। इससे इस मार्ग पर दोहरी सुविधा मिलेगी। सड़क के दोनों ओर ड्रेनेज यूटिलिटी डक्ट रहेगा। नीचे की सड़क का सौंदर्यीकरण किया जाएगा।

फायदा : नए अरगोड़ा चौक से पुराने अरगोड़ा चौक, चापू टोली तक इस सड़क पर भारी लोड है। इसके कारण पुराना अरगोड़ा चौक से लेकर चापू टोली तक हमेशा जाम लगता है। इससे मुक्ति मिलेगी। इसके अतिरिक्त अरगोड़ा चौक से कटहल मोड़, दलादली होते हुए रिंग रोड तक भारी एवं अन्य वाहन आसानी से आ-जा सकेंगे।

4. हिनू से जगन्नाथपुर तक फ्लाईओवर

हिनू ढलान पर नदी के बगल में होटल एमेराल्ड के पास गोलंबर तैयार किए जाने का प्रस्ताव है। उसी गोलंबर से नदी के किनारे-किनारे मेकॉन रोज गार्डन के बगल से डीपीएस के पीछे होते हुए जगन्नाथपुर मंदिर तक दोनों ओर वन वे सिंगल फ्लाईओवर बनाया जाएगा। इसके लिए पेट्रोल पंप के पास रेलवे लाइन पर आरओबी (रेल ओवरब्रिज) भी बनाया जाएगा।

फायदा : एयरपोर्ट, हिनू, डोरंडा, मेकॉन से आने वाले वाहन सीधे डीपीएस होते हुए जगन्नाथ मंदिर, नया विधानसभा, हाईकोर्ट होते हुए नयासराय में उतर कर सीधे रिंग रोड पर चढ़ सकते हैं। रिंग रोड की तरफ से आने वाले वाहन नयासराय, डीपीएस होते हुए सीधे एयरपोर्ट और हिनू क्षेत्र में जा सकेंगे। अगर किसी को डोरंडा, ​िह​नू क्षेत्र से विधानसभा, हाईकोर्ट जाना है तो वह जाम में फंसे बिना आसानी से पहुंच सकते हैं।

5. हरमू मुक्तिधाम से कडरू फ्लाईओवर

कडरू और अशोक नगर को ट्रैफिक दबाव से मुक्त करने के लिए हरमू मुक्तिधाम से हरमू नदी के दोनों किनारों पर 2.2 किमी का एलिवेटेड अप-डाउन वन वे फ्लाईओवर बनेगा। नदी के किनारे पर पौधे लगाए जाएंगे, सौंदर्यीकरण होगा और रोशनी की व्यवस्था भी रहेगी। इसमें जमीन का बहुत कम अधिग्रहण करना पड़ेगा।

फायदा : हरमू रोड से आने-जाने वाले वाहन जिन्हें मेन रोड, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड जाना है, वे हरमू मुक्ति धाम के पास से निर्मित होने वाले सिंगल फ्लाईओवर में चढ़कर आसानी से जा सकते हैं। यह फ्लाईओवर राजभवन की ओर से आने वाले फ्लाईओवर से भी कनेक्ट रहेगा। अभी हरमू रोड एवं रातू रोड से स्टेशन, सरकारी बस स्टैंड जाने वाले लोगों को सहजानंद चौक, कडरू होते हुए जाना पड़ता है।

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गडकरी की घोषणा से आउटर रिंग रोड का मार्ग प्रशस्त: वर्तमान रिंग रोड से 12 किमी की दूरी पर 190 किमी में होगा इसका निर्माण |

नितिन गडकरी ने 6000 करोड़ रुपए से तैयार आउटर रिंग रोड के डीपीआर को मंजूरी प्रदान कर दी। यह आउटर रिंग रोड वर्तमान रिंग रोड से 12 किमी दूरी पर बनेगा। जिसकी कुल लंबाई 190 किमी की होगी। इसका प्रस्ताव रांची के भविष्य को देखते हुए किया जाएगा। यह रिंग रोड भविष्य में रांची के सभी प्रखंड एवं गांवों को टच करेगा।

इससे शहर और गांवों की दूरी कम होगी। इससे राज्य के अंदर गुजरने वाली तीन नेशनल हाईवे जुड़ेगा। जिसमें उरकिल एनएच-20, ब्रांबे एनएच-75, नगड़ी कुरगी एनएच 20 एनएच 43 और एनएच 33 इससे जुड़ेगा। एनएच-33 पर ओरमांझी प्रखंड कार्यालय के पास से होते रांची-कुड़ मार्ग पर नांवे में जाकर मिलेगा। एनएच-23 रांची-गुमला रोड से मौजूदा रिंग रोड से 8-10 किमी आगे जाकर आउटर रिंग रोड का प्रस्ताव है। तुपुदाना से आगे खूंटी से थोड़ा पहले निकल सकता है। 30 वर्षों के परिवहन लोड को ध्यान में रखकर इसको तैयार किया जा रहा है।

केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को झारखंड को 6300 करोड़ रुपए की सौगात दी। उन्होंने रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर सहित 11 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसके साथ ही रांची में तीसरा फ्लाईओवर आम लोगों के लिए खुल गया। अब शहर के लोगों को जाम से बड़ी राहत मिलेगी।

ओटीसी ग्राउंड में आयोजित समारोह में उन्होंने केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ की चार मांगों में से तीन को मंजूरी दी। गडकरी ने कहा कि रांची में 6000 करोड़ रु. की लागत से आउटर रिंग रोड बनेगा। उन्होंने मंच से ही इसके डीपीआर को मंजूरी दे दी। रांची में इलेक्ट्रिक बस चलाने की बात भी कही। एलिवेटेड कॉरिडोर के पिलरों पर सोहराई पेंटिंग की मांग पर कहा कि कला केंद्र के कलाकारों के माध्यम से प्रस्ताव भेजें। इसे मंजूरी दी जाएगी। वहीं रांची-अनगड़ा-सिल्ली-मुरी सड़क पर कहा कि यह नेशनल हाइवे के तहत नहीं आता। इसके बारे में प​ता करके बताएंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि झारखंड में दो लाख करोड़ की परियोजनाएं चल रही हैं। एक लाख करोड़ की परियोजनाएं और जोड़ी जाएंगी।

इससे पहले गढ़वा में उन्होंने कहा कि झारखंड में 40 हजार करोड़ रुपए की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। 70 हजार करोड़ की परियोजनाएं चल रही हैं। वहीं 75 हजार करोड़ की योजनाएं प्रस्तावित हैं। -शेष पेज 13 पर

मौसम खराब, ढाई घंटे देरी से गढ़वा से रांची पहुंचे

नितिन गडकरी को दोपहर 2:30 बजे गढ़वा से रांची पहुंचना था। लेकिन गढ़वा में कार्यक्रम के दौरान मौसम खराब हो गया। रांची एयरपोर्ट के एटीसी ने हेलीकॉप्टर के उड़ान की अनुमति नहीं दी। इसके बाद वे गया चले गए। फिर उन्हें लाने के लिए रांची से चार्टर्ड विमान गया भेजा गया। इससे वे शाम करीब पांच बजे रांची पहुंचे। इस कारण यहां एनएचएआई के अधिकारियों के साथ होने वाली बैठक स्थगित कर दी गई।

इन परियोजनाओं को भी दी मंजूरी…

एकचारी से महगामा फोरलेन सड़क बनेगी। 1300 करोड़ खर्च होंगे।

कोडरमा-मेघातारी फोरलेन सड़क को मंजूरी, 900 करोड़ की लागत आएगी।

पाकुड शहर में 450 करोड़ की लागत से 20 किलोमीटर लंबा बाईपास बनाया जाएगा।

हंटरगंज में 150 करोड़ की लागत से 7 किलोमीटर लंबा बाईपास बनाने को भी मंजूरी दी गई।

भास्कर: गुरुजी के स्वास्थ्य का हवाला देकर सीएम ने डेट बढ़ाने का आग्रह किया था?

रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर के उद्घाटन की तिथि पर विवाद चल रहा था। इस पर भास्कर के विशेष संवाददाता विनय चतुर्वेदी ने नितिन गडकरी से बात की। पूछा कि सीएम ने गुरुजी के स्वास्थ्य का हवाला देकर उद्घाटन की तिथि बढ़ाने का आग्रह किया था। पर ऐसा नहीं हुआ। इस पर गडकरी ने कहा-हेमंत से बात हो चुकी है। उनकी सहमति के बाद ही उद्घाटन हुआ है। वे दिल्ली पहुंचते ही गुरुजी से मिलेंगे। पेश है बातचीत के अंश…

गडकरी: हेमंत से बात हो गई है, वे सहमत हैं, मैं गुरुजी को देखने अस्पताल जाऊंगा

झारखंड को सबसे अहम सौगात क्या दे रहे हैं?

-आज मैंने झारखंड के संदर्भ में कई घोषणाएं की हैं, पर इसमें रांची-जमशेदपुर को एक अहम सौगात दे रहा हूं। नागपुर की तर्ज पर रांची और जमशेदपुर में ई-बस का परिचालन करवाएंगे। रांची और जमशेदपुर के बीच भी ई-बस चलेगी। इसके लिए सर्वे का निर्देश दिया गया है।

आज एलिवेटेड कॉरिडोर का उद्घाटन किया। इसी सड़क पर रांची से कुड़ू तक फोरलेन की राइडिंग क्वालिटी पर कई बार सवाल उठे हैं। क्या कहेंगे?

-पता करता हूं। ऐसा है तो ठीक किया जाएगा।

टोल व्यवस्था पर आपके विभाग ने कई पहल की है। पर यह हमेशा विवाद में आ जाता है। आम लोग भी टोल व्यवस्था पर सवाल उठते रहते हैं?

-इसकी चिंता करके ही नई व्यवस्था बनाई गई है। अब तीन हजार रुपए में एक वर्ष तक आप 200 बार यात्रा कर सकते हैं। इसका आम लोगों को काफी लाभ होगा। -शेष पेज 13 पर

रांची और गढ़वा से इन 11 योजनाओं का किया लोकार्पण-शिलान्यास

गढ़वा में शंखा से खजूरी तक 23 किलोमीटर लंबा फोरलेन बाईपास।

रांची में 4.17 किलोमीटर लंबी रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर।

पलमा से गुमला तक 63 किमी लंबी फोरलेन सड़क। {बाराहाट से तुलसीपुर तक 15 किमी 2 लेन पेव्ड शोल्डर का चौड़ीकरण।

बरही से कोडरमा के बीच 28 किमी फोरलेन सड़क। {गोड्‌डा से संुदरपहाड़ी तक 18 किमी 2 लेन पेव्ड शोल्डर का चौड़ीकरण।

गिरिडीह शहर में 9 किमी सड़क का चौड़ीकरण

इनका शिलान्यास

छत्तीसगढ़ सीमा से गुमला तक 32 किलोमीटर फोरलेन सड़क।

सिमडेगा जिले में 8 हाई लेवल ब्रिज का निर्माण।{दामोदर नदी पर हाई लेवल पुल व भौरा रेलवे क्रॉसिंग पर आरओबी का निर्माण।

मुर्गाताल से मानपुर तक 27 किमी 2 लेन पेव्ड शोल्डर का चौड़ीकरण।

उद‌्घाटन की तिथि के विवाद पर गडकरी से भास्कर की खास बातचीत

रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर आम लोगों के लिए खुला

रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ की चार में से तीन मांगें स्वीकृत

उद‌्घाटन के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का काफिला रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर से गुजरा और इसका जायजा लिया।

रांची स्मार्ट सिटी के मॉडल को सराहा, तैयार होगा ब्लू प्रिंट

स्मार्ट सिटी मिशन के दस साल पूरे हुए |

स्मार्ट सिटी मिशन के दस वर्ष पूरे होने पर बुधवार को मिशन की दसवीं वर्षगांठ मनाई गई। इस मौके पर भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव तथा स्मार्ट सिटी मिशन की निदेशक रूपा मिश्रा ने सभी स्मार्ट शहरों के सीईओ और पदाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात की।

दस वर्ष पूरे होने पर उन्होंने बधाई दी और कहा कि मिशन ने देश के शहरीकरण में एक सकारात्मक बदलाव लाया और गति भी लाई है। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि ये गति आगे भी बरकरार रहे। उन्होंने कहा कि सभी 100 शहरों के विकास के लिए गठित एसपीवी आगे भी कार्य करेंगे और कोशिश होगी ​िक शहरीकरण की योजनाओं में आपकी विशेषज्ञता की मदद ली जाए।

रांची स्मार्ट सिटी की ओर से भी यहां हो रहे कार्यों की जानकारी केंद्र सरकार को दी गई। रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन के महाप्रबंधक तकनीकी राकेश कुमार नंदक्योलियार ने बताया कि हम एक ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे हैं। जिससे रांची शहर को एक नई दिशा मिली है। प्रदेश के दूसरे हिस्सों में भी ऐसे ग्रीनफील्ड डेवलपमेंट की योजना पर सरकार कार्य कर रही है।

स्मार्ट सिटी मिशन, भारत सरकार की निदेशक ने इस प्रोजेक्ट की सराहना करते हुए कहा कि देश के दूसरे शहरों में भी ऐसी परियोजना विकसित की जानी चाहिए। इसके लिए केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय अंतर्गत स्मार्ट सिटी मिशन एक ब्लू प्रिंट बनाएगा, जो रांची स्मार्ट सिटी की तर्ज पर आधारित होगा। उन्होंने कहा कि इस मॉडल से न केवल एक शहर का सुनियोजित विकास होगा, बल्कि वहां के नागरिकों को विश्वस्तरीय सुविधाएं भी मिलेंगी। साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और लैंड मॉनेटाइजेशन से संस्था खुद को स्वावलंबी भी बनाएगी।

पुरानी योजना को गति… नवी मुंबई में बनने वाले झारखंड भवन की लागत 22 करोड़ बढ़ी

नवी मुंबई के वासी में 159 करोड़ रुपए से 7 मंजिल झारखंड भवन बनेगा । इसके निर्माण में लेकर आयी बाधा अब दूर हो गई है। तीन साल में मार्च 2028 तक इसे बनाने का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2016 में तय हुआ था कि मुंबई में झारखंड के लोगों के लिए बेहतर आवासीय सुविधा के लिए एक अत्याधुनिक भवन बने।

वर्ष 2018 में महाराष्ट्र सरकार से वासी, नवी मुंबई में 2577 वर्ग मीटर जमीन मिला था। लेकिन उस पर भवन बना नहीं है। बीते दिसंबर 2024 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस भवन की आधारशिला रखी थी, लेकिन विभिन्न कारणों से इसकी शुरूआत नहीं हो सकी। 137 करोड़ रुपए का लागत तय हुआ था। उसमें कई तकनीकी अड़चनें आ गई थीं। उसमें मुंबई कॉस्ट इंडेक्स से दरों का समायोजन नहीं था और गैर अनुसूचित मद बाजार दर पर आधारित था। ऐसे कई अड़चनों को अब दूर कर लिया गया है। निर्माण के लागत को 22 करोड़ बढ़ाकर 159 करोड़ रुपए किया गया है। इसके लिए फिर से प्रशासनिक स्वीकृति का प्रस्ताव तैयार किया गया है। भवन निर्माण विभाग के नए प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी है।

हाईटेक सुविधाओं से लैस होगा झारखंड भवन

नवी मुंबई में बनने वाला झारखंड भवन 7 मंजिल का होगा। अबतक की स्वीकृति के अनुसार गुंबद और दीवारों पर सोहराई कला की पेंटिग्स रहेगी। सात मंजिला भवन में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के लिए वीवीआईपी सुइट्स, वीआईपी डीलक्स कमरे, डीलक्स कमरे, प्रदर्शनी हाल, सेमिनार हाल, व्यायामशाला, डाइनिंग क्षेत्र होगा। इस झारखंड भवन में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ छत पर गार्डेन, वर्षा जल संचयन आदि की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही झारखंड भवन हाईटेक सुविधाओं से लैस होगा।

सांस्कृतिक व सामुदायिक केंद्र भी होगा

झारखंड भवन बन जाने के बाद देश की राजधानी दिल्ली के बाद देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई में भी झारखंड सरकार का झारखंड भवन होगा। दिल्ली में दो झारखंड भवन होगा। नवी मुंबई में बनने वाला यह झारखंड भवन सिर्फ एक आवासीय संरचना नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामुदायिक केंद्र भी होगा, जहां झारखंड की पारंपरिक कला, आधुनिक सुविधाएं और प्रवासी हित एक साथ जुड़े होंगे। इसके अलावा झारखंड भवन में लोगों को राज्य के इतिहास की झलक भी देखने को मिलेगी।

राज्य के मरीजों को मिलेगा रियायती दर पर कमरा

तीन साल में होगा पूरा, इलाज कराने मुंबई जाने वालों को होगा लाभ

नवी मुंबई के वासी में बनने जा रहे इस भवन में झारखंड से मुंबई इलाज के लिए आने वाले मरीजों को रियायती दरों पर आवास उपलब्ध होगा। झारखंड के प्रवासी मजदूरों के रहने भी इसमें इंतजाम रहेंगे।

ब्रांबे आवास खाली करने का नोटिस निवासी बोले- नया बनाकर दे निगम

रांची नगर निगम ने चिरौंदी ब्रांबे आवास में रहने वाले लोगों को नोटिस जारी किया है। जारी नोटिस में कहा गया कि भारी बारिश के कारण जर्जर हो चुके ब्रांबे आवास को तुरंत खाली कर सभी आश्रय गृह में शिफ्ट हो जाएं। यह आदेश नगर निगम प्रशासक ने जारी किया है।

इस पर ब्रांबे आवास में रहने वाले लोगों ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि जब से ये आवास जर्जर हुए हैं, तब से वे लोग लगातार मांग कर रहे हैं कि पुरानी बिल्डिंग को गिराकर उसी जगह नया मकान बनाया जाए और सभी परिवार को उसमें शिफ्ट किया जाए। लेकिन नगर निगम, नगर विकास विभाग और सरकार ने अब तक इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। लोगों ने बताया कि बिल्डिंग की छतें टूट रही हैं। दीवारों में दरारें हैं। कभी भी हादसा हो सकता है। काफी संख्या में गरीब परिवार यहां रहते हैं।

इतनी बारिश में नगर निगम के पास हमें शिफ्ट करने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। सिर्फ आश्रयगृह का सहारा देकर निगम अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। वहां रह रहे लोगों ने चेतावनी दी कि अगर बिल्डिंग गिरती है या कोई दुर्घटना होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी रांची नगर निगम की होगी। उन्होंने मांग की कि यथाशीघ्र जर्जर आवास को गिराकर उसी जगह नया मकान बनाकर दिया जाए। इस मांग को लेकर सुरेंद्र कुमार राम, अमित राम, बबलू राम, राजकुमार राम, अमर राम, रंजीत राम ने सहयोग की अपील की है।

ब्रांबे आवास की जर्जर हो चुकी दीवार।

“अगर आप भी अपना घर बनाना चाहते हैं तो संभल जाएँ और आज ही हमसे संपर्क करें क्योंकि हम देते हैं आपको एक ही जगह पर नक्शा बनवाने से लेकर पास करवाने और आपके सपनों का घर बनाने तक की सेवा, वो भी आपके बजट में।”

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