
माइनिंग सेस लगाने से बढ़ रहे चिप्स के भाव, रॉ मटेरियल के कॉस्ट बढ़|
घर बनाना हर किसी का सपना होता है। लेकिन बिल्डिंग मटेरियल की बढ़ती महंगाई के कारण आम लोगों के सपने टूट रहे हैं। बालू तो महंगा मिल ही रहा है अब बिल्डिंग मटेरियल की कीमतें भी आसमान छूने लगी हैं। सिर्फ एक से डेढ़ महीने में ही कीमतें 15-20% तक बढ़ गई हैं।
सीमेंट के भाव पिछले माह के शुरुआत तक 340 रुपए थे जो अब बढ़कर 390 रुपए पर आ गए हैं। वहीं, 7.50 रुपए प्रति पीस मिलने वाला ईंट 10 रुपए प्रति पीस हो गया है। इसी तरह चिप्स, बालू, छड़ की कीमतें भी बढ़ी हैं। कीमतें बढ़ने के कारण बिल्डरों ने भी काम धीमा कर दिया है। क्रेडाई के अध्यक्ष विजय अग्रवाल ने कहा कि रॉ मटेरियल के भाव में लगातार इजाफा होने से कीमतें बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि माइनिंग में सेस लगाए जाने के बाद से चिप्स के दाम भी बढ़ रहे हैं। रॉ मटेरियल में पत्थर, लाइम स्टॉन आदि के भाव 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। वहीं, बारिश के कारण ईंटे भी गीली रह जा रही है।
घर-फ्लैट की बिक्री काफी घट गई : विजय
क्रेडाई अध्यक्ष विजय अग्रवाल ने कहा कि इस समय घर-फ्लैट का सेल काफी डल चल रहा है। बरसात के कारण बिक्री कम है। बालू समेत कई बिल्डिंग मटेरियल के भाव बढ़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि 15 जून के बाद एनजीटी का रोक लग जाने के बाद से बालू की कमी होने लगेगी। इस कारण अभी बालू के भाव में तेजी है। आम लोगों को घर
सीमेंट के बढ़ते भाव पर कोई कंट्रोल नहीं :
बिल्डर अमित अग्रवाल ने कहा कि सीमेंट की कीमतें आसमान पर हैं। सीमेंट कंपनियां एक-दूसरे से मिलकर जब चाहें दाम बढ़ा देती हैं। भाव को कंट्रोल करने में सरकार का कोई मैकेनिज्म नहीं है। बरसात के कारण ईंट की कीमतें भी बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि घर बनाने का खर्च 15 प्रतिशत तक बढ़ गया है। बिल्डरों को कीमतें बढ़ने से काफी नुकसान
काम और स्लो हो जाएगा : मुकेश
बिल्डर मनोज पांडे ने बताया कि अभी घर-फ्लैट की बिक्री कमजोर पड़ी हुई है। बालू की नीलामी सही तरीके से नहीं होने के कारण रेट बढ़ी हुई है। बारिश के मौसम में काम तो स्लो रहता ही है। मटेरियल कॉस्ट बढ़ने से काम और स्लो हो जाएगा। इसका असर लेबर पर भी पड़ेगा। सभी बिल्डर के लिए बिल्डिंग बनाने का कॉस्ट 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ गया है।
मटेरियल अप्रैल मई
सीमेंट 330-340 रुपए बोरी 380 से 390 रुपए बोरी
ईंट 7 से 7.50 रु प्रति पीस 9.50 से 10 रु. प्रति पीस
चिप्स 40 से 45 रुपए सीएफटी 50 से 50 रु. प्रति सीएफटी
टीएमटी 51 से 53 रुपए किलो 57 से 60 रु. प्रति किलो
बालू 38 से 40 हजार रुपए 44 से 46 हजार रु. प्रति हाइवा
मटेरियल की कीमतें