रांची से ओडिशा- कोलकाता को जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी एनएच-33 रांची- जमशेदपुर फोर लेन महज चार साल में ही दम तोड़ने लगी है। रांची के रामपुर से चांडिल टोल चेक नाका तक करीब 98 किमी. लंबी इस सड़क की पड़ताल में रामपुर से चांडिल तक कुल 514 गड्ढे हैं, वहीं चांडिल से रामपुर आते समय 638 गड्ढे दिखे।
स्थानीय लोगों के अनुसार, 15 जून तक सड़क पर कुछ छोटे-छोटे गड्ढों को छोड़कर सड़क ठीक थीं। मगर 16 जून के बाद हुई लगातार बारिश ने सड़कों को खराब एवं जर्जर कर दिया। कम से कम 10 से 15 गड्ढे ऐसे हैं जो जानलेवा हैं। लोगों ने कहा कि सड़क अच्छी नहीं है तो टोल क्यों दें, इसे हटाओ।
हर महीने औसतन हो रही हैं 10 से 15 दुर्घटनाएं
सड़क खराब रहने के कारण केवल एक महीने में बुंडू, तमाड़ एवं चांडिल थाने से मिली जानकारी के अनुसार 22 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें पांच लोगों की जान भी गई है। यानी सुविधा के लिए बनी सड़क जानलेवा हो गई है।
सबसे खतरनाक स्थिति इन स्थानों पर है
चांडिल चौक और चांडिल चेक नाका के पास, जहां पर सड़क इतनी जर्जर हो चुकी है कि केवल गड्ढे ही नजर आते हैं। सिदरौल के पास सड़क जर्जर हो चुकी है।
दामी के पास सड़क पर एक ही जगह कई गड्ढे हैं। सबसे खतरनाक तैमारा घाटी, जहां पर आए दिन हादसे होते रहते हैं, वहां सड़क पूरी तरह से खराब है। रामपुर रिंग रोड के पास चौक के चारों ओर रोड जर्जर हो चुका है।

रोज 24 हजार वाहन आते-जाते हैं
इस सड़क पर दो टोल चेक नाका हैं। एक बुंडू और दूसरा चांडिल के पास। इन चेक नाका से हर दिन (24 घंटे) में 24 हजार से अधिक वाहन आते-जाते हैं। इस दौरान करीब 31 लाख रुपए हर दिन वाहन मालिकों से वसूले जाते हैं। इसके बाद भी लोगों को हर दिन जानलेवा गड्ढों के बीच से सफर करना पड़ता है।
एनएचएआई का क्या है कहना
एनएचएआई की ओर से आनंद सिंह ने कहा कि विगत एक महीने से जारी बारिश के कारण सड़कें इतनी खराब हो गईं। फिलहाल गड्ढों की चिपिंग करके भरा जाएगा। अक्टूबर में मिलिंग कर सड़कों की पूर्ण रूप से मरम्मत कराई जाएगी।
Reference : https://www.bhaskar.com