19,540 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हो रही है यह परियोजना
झारखंड के संथाल परगना को बिहार से जोड़ने वाली बहुप्रतीक्षित साहिबगंज-मनिहारी गंगा पुल परियोजना अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। इस छह किलोमीटर लंबे पुल का करीब 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा बनाए जा रहे इस ब्रिज के दिसंबर 2026 तक पूरी तरह तैयार होने की उम्मीद है।
इसके शुरू होने के बाद साहिबगंज से कटिहार की दूरी 2.30 घंटे से घटकर महज 45 मिनट रह जाएगी। ब्रिज की कुल लंबाई छह किलोमीटर है, लेकिन रैंप और अंडरपास सड़कों को मिलाकर इसकी कुल दूरी 21 किलोमीटर होगी। यह परियोजना 19,540 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हो रही है। इसके अलावा पलमा-गुमला फोर लेन रोड का कार्य पूरा हो चुका है, जिससे रायपुर और झारखंड के बीच सीधा संपर्क बन जाएगा।
देवघर में रिंग रोड से जाम से छुटकारा
देवघर सिटी बाईपास सह सिटी रिंग रोड का कार्य दिसंबर 25 से शुरू होगा। 1,565 करोड़ रु. से इस परियोजना से श्रद्धालुओं को जाम से राहत मिलेगी। रिंग रोड से शहर में घुसे बिना बाबा नगरी तक पहुंचना आसान हो जाएगा। पलमा-गुमला फोर लेन सड़क का कार्य भी पूरा हो चुका है, जिससे रायपुर होते हुए झारखंड की कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।
कोलकाता-बनारस ग्रीन फील्ड कॉरिडोर
एनएचएआई अक्टूबर से कोलकाता-वाराणसी ग्रीन फील्ड कॉरिडोर की निर्माण प्रक्रिया शुरू करेगा। यह छह लेन का हाईवे झारखंड में बोकारो, रामगढ़ व हजारीबाग से होते हुए गुजरेगा। राज्य में इसकी कुल लंबाई 202 किमी होगी और लागत 9,227 करोड़ है। छत्तीसगढ़ बॉर्डर-गुमला फोर लेन रोड परियोजना का काम भी अक्टूबर से शुरू होगा।
दूसरे राज्यों के लिए रोड कनेक्टिविटी बढ़ेगी
बंगाल-ओडिशा से जुड़ावझारखंड की दो और परियोजनाओं की डिटेल डीपीआर तैयार हो रही है। चांडिल-घेरालिंग अंडरपास जो पश्चिम बंगाल से झारखंड को जोड़ेगा। राउरकेला/संबलपुर-रांची फोर लेन जो ओडिशा के रास्ते सिमडेगा से जुड़ेगा।