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आरआरडीए में राजधानी के 300 गांवों को शामिल करने का प्रस्ताव

नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को दी गयी योजना की प्रस्तुति

आरआरडीए में राजधानी के 300 गांवों को शामिल करने का प्रस्ताव

प्रभात संवाददाता, रांची
राज्य सरकार रांची नगर निगम क्षेत्र के बाहर के 300 गांवों को रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (आरआरडीए) के क्षेत्र में जोड़ने की तैयारी कर रही है। आरआरडीए की ओर से इन गांवों को मास्टर प्लान में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
आरआरडीए ने 44 किलोमीटर की परिधि के भीतर आने वाले गांवों को इस प्रस्ताव में शामिल किया है। इसके तहत चारों ओर से शहर की सीमा से सटे गांव शामिल हैं।
इन गांवों में रिंग रोड और रांची-गया रोड, रांची-खूंटी रोड, रांची-पटना रोड और रांची-जमशेदपुर रोड जैसे बड़े मार्गों से लगे गांव शामिल होंगे।
मास्टर प्लान में इन गांवों को जोड़ने से विकास कार्यों को विस्तार मिलेगा और रांची शहर का सुनियोजित विकास हो सकेगा।
प्रस्ताव को नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को सौंपा गया है।


आरआरडीए ने रांची के आसपास लगभग 44 किमी की परिधि में ड्रोन सर्वे और गूगल मैपिंग करायी

शहर में प्रवेश के चार प्रमुख मार्गों से जुड़े हैं ये गांव, मास्टर प्लान के तहत इनकी भूमि का इस्तेमाल भी सुनिश्चित


इन सड़कों के ड्रोन सर्वे और गूगल मैपिंग का है प्रस्ताव

रोड नंबर 01
रांची-गया रोड (नामकुम रेलवे स्टेशन से ओरमांझी होते हुए तुपुदाना तक)
शामिल गांव: नामकुम, होटवार, बिरसा चौक, धुर्वा, चुटुपालू घाटी, ओरमांझी, तुपुदाना आदि।
कुल दूरी: 43.5 किलोमीटर

रोड नंबर 02
रांची-खूंटी रोड
शामिल गांव: रातू रोड, चुटिया, हेसालौंग, नगड़ी आदि
कुल दूरी: 29 किलोमीटर

रोड नंबर 03
रांची-पटना रोड
शामिल गांव: रातू रोड, पिस्कानगर, चुटिया, नगड़ी, ओरमांझी आदि
कुल दूरी: 36.5 किलोमीटर

रोड नंबर 04
रांची-जमशेदपुर रोड
शामिल गांव: नामकुम, बूटी मोड़, बिरसा चौक, नगड़ी, होटवार आदि
कुल दूरी: 40.2 किलोमीटर


ड्रोन सर्वे के साथ गूगल मैपिंग के जरिये इन क्षेत्रों के भू-उपयोग की जानकारी ली जा रही है।
इसके अलावा, आरआरडीए ने 154 गांवों को पहले ही मास्टर प्लान में शामिल किया है। अब 300 गांवों को और जोड़ने का प्रस्ताव है।
नगर विकास विभाग की स्वीकृति मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।

Reference : https://epaper.prabhatkhabar.com/ranchi/ranchi-city/2025-08-08/3

टैक्स बढ़ाने के लिए नए बने घरों की जांच करेगा निगम

रांची| रांची नगर निगम क्षेत्र के 53 वार्डों में होल्डिंग टैक्स बढ़ाने आैर ट्रेड लाइसेंस फीस की वसूली के लिए िनगम नया तरीका अपनाएगा। टैक्स बढ़ाने के लिए सभी वार्डों में नए बने घरों की जांच होगी। जिन घरों में पहले तल्ले के बाद दूसरे या तीसरे तल्ले का निर्माण हो रहा है या कर लिया गया है, ऐसे घरों की मापी की जाएगी। वास्तविक क्षेत्रफल के आधार पर टैक्स का आकलन कर वसूली की जाएगी। वहीं बड़े बकायेदारों पर अब सख्ती की जाएगी। उनको पहले नोटिस भेजा जाएगा। इसके बाद उनके घरों पर नोटिस चस्पां किया जाएगा। िफर भी वे टैक्स नहीं देते हैं तो संबंधित घर आैर प्रतिष्ठान को सील किया जाएगा।

पड़ोसी का घर तुड़वाने गए थे, हाईकोर्ट ने उसके घर की ही जांच का दे दिया आदेश |

कोर्ट ने कहा- जांचें कि नक्शा पास है या नहीं, मापी भी कराएं

पड़ोसी के घर को अवैध बताकर उसे तुड़वाने का आग्रह करना हिंदपीढ़ी के सचिन टोप्पो को महंगा पड़ा। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के घर की ही जांच कराने का निर्देश ​दे दिया। इस याचिका पर शनिवार को जस्टिस राजेश कुमार की कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि घर किसी भी व्यक्ति की जरूरत और सपना होता है।

लोग कड़ी मेहनत करके कुछ पैसे जमा करते हैं। फिर ​छोटा सा घर बनाते हैं। ऐसे में किसी का उनके घर को तुड़वाने का आग्रह करने के ​पीछे का कारण जानना जरूरी है। आखिर कोई क्यों किसी का घर तुड़वाने का आग्रह कर रहा है। कोर्ट ने रांची नगर निगम के अधिकारियों से कहा कि पहले शिकायतकर्ता के घर की ही जांच करें। देखें कि उनका घर सही तरीके से बना है या नहीं। उनके घर का नक्शा पास है या नहीं। शिकायतकर्ता के घर की मापी भी कराएं। फिर विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। इस मामले की अगली सुनवाई अब छह अगस्त को होगी।

गौरतलब है कि सचिन टोप्पो के घर के बगल में एक घर का निर्माण हो रहा है। इसके खिलाफ टोप्पो ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल ​की है। इसमें कहा है कि पड़ोसी अवैध तरीके से घर का निर्माण कर रहा है। इस निर्माण पर रोक लगाई जाए और इसे तोड़ा जाए। ​नगर निगम में अवैध निर्माण का केस भी दर्ज किया जाना चाहिए, ताकि अवैध तरीके से घर बनाने वालों में कानून का डर हो। लेकिन शिकायतकर्ता की यह दलील ही उल्टी पड़ गई।

Reference : https://www.bhaskar.com/local/jharkhand/ranchi/news/they-had-gone-to-demolish-their-neighbours-house-the-high-court-ordered-an-investigation-of-his-house-itself-135589237.html

हरमू, अरगोड़ा व बरियातू में आवासीय प्लॉट पर व्यापार करनेवालों का रद्द होगा आवंटन

420 आवंटियों की सूची तैयार, बोर्ड देगा अंतिम नोटिस, 7 दिनों में रखना होगा पक्ष |

रांची में झारखंड राज्य आवास बोर्ड की कॉलोनियों में मकान बनाने के लिए जमीन लेकर व्यवसायिक इस्तेमाल करने वालों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। हरमू, अरगोड़ा और बरियातू हाउसिंग कॉलोनी में ऐसे आवंटियों को चिह्नित किया गया है, जिनके घरों का व्यवसायिक इस्तेमाल हो रहा है।

कहीं दुकानें खुल गई हैं तो कहीं शो-रूम तो कहीं विभिन्न कार्यालय। अब ऐसे आवंटियों का आवंटन रद्द होगा। आवास बोर्ड ने तीनों कॉलोनियों में 420 प्लॉट की सूची तैयार की है, जिनका आवंटन आवासीय उद्देश्य से किया गया था। पूर्व में बोर्ड द्वारा आवंटियों को नोटिस देकर जवाब मांगा गया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। अब बोर्ड द्वारा सभी 420 आवंटियों को अंतिम नोटिस दी जाएगी। उनको एक सप्ताह में पक्ष रखने के लिए कहा जाएगा। पक्ष नहीं रखने पर एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए सभी का आवंटन रद्द कर दिया जाएगा। ऐसा हुआ तो कॉलोनियों में हड़कंप मच जाएगा। क्योंकि, अधिकतर भवनों में व्यवसायिक गतिविधियां चल रही हैं। सभी को घर खाली कराना पड़ेगा, नहीं तो जमीन का आवंटन रद्द होगा।

नियम तोड़ने वालों का आवंटन होगा रद्द

कई बड़ी कंपनियों के कार्यालय भी चल रहे, अधिकतर लोगों ने बोर्ड से नहीं ली अनुमति

रोड के दोनों ओर दुकान और व्यवसायिक कार्यालय हैं।

आवासीय जमीन का व्यवसायिक इस्तेमाल करने वालों की सूची में कई बड़ी हस्तियां शामिल हैं। कई दलों के कार्यालय भी चल रहे हैं। कई बड़ी कंपनियों के ऑफिस भी संचालित हो रहे। इसके लिए बोर्ड से स्वीकृति भी नहीं ली गई है। कई अधिकारियों को आवंटित प्लॉट पर भी बोर्ड की नजर है।

बोर्ड कार्रवाई करता है तो ट्रिब्यूनल और कोर्ट से मिल सकती है राहत: आवास बोर्ड आवंटन रद्द करने की कार्रवाई करता है तो आवंटियों के पास आवास बोर्ड ट्रिब्यूनल और विभिन्न न्यायालयों में जाने का मौका है। लेकिन यहां मामला जाने पर लंबे समय तक सुनवाई होती है। ऐसे में आवंटन रद्द होने में लंबा समय लग सकता है।

घर में खोल दिया होटल, शो रूम और कोचिंग, बोर्ड को नहीं दी सूचना

हरमू, अरगोड़ा और बरियातू हाउसिंग कॉलोनी में अधिकतर घरों का व्यवसायिक इस्तेमाल हो रहा है। कई घरों को इस तरह बनाया गया है कि उसका इस्तेमाल होटल के रूप में भी किया जा सके। हरमू हाउसिंग कॉलोनी में ऐसे 15 प्लॉट चिह्नित किए गए हैं, जो आवासीय प्रकृति की हैं। लेकिन उक्त प्लॉट पर होटल- रेस्टोरेंट बना लिया गया है। 205 से अधिक प्लॉट ऐसे हैं, जिन पर विभिन्न कंपनियों के शो-रूम, दुकान या गोदाम चल रहे हैं। करीब 200 प्लॉट ऐसे हैं, जिन पर छोटा-मोटा कारोबार, स्कूल- कोचिंग संस्थान, विभिन्न निजी कंपनियों के कार्यालय सहित अन्य गतिविधियां चल रही हैं। लोगों ने बोर्ड को इसकी सूचना भी नहीं दी।

Reference : https://www.bhaskar.com/local/jharkhand/ranchi/news/allotment-of-businessmen-on-residential-plots-in-harmu-argora-and-bariatu-will-be-cancelled-135589205.html

नगर विकास के 23 पदाधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की गई |

रांची | नगर विकास विभाग ने रांची विभिन्न नगर निकायों के 23 कार्यपालक पदाधिकारी और सहायक टाउन प्लानर का स्थानांतरण-पदस्थापन किया है। इसमें कार्यपालक पदाधिकारी, सहायक नगर आयुक्त और सहायक नगर निवेशक शामिल हैं। विभाग ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी करते हुए पदाधिकारियों को तत्काल प्रभार लेने का निर्देश दिया है।

Reference : https://www.bhaskar.com/local/jharkhand/ranchi/news/23-officers-of-urban-development-were-transferred-and-posted-135575992.html

राज्य में भवन नियमितीकरण योजना को शीघ्र प्रभावी बनाया जाए : चैंबर

नगर विकास मंत्री से मिला चैंबर, कहा योजना राज्यहित के लिए जरूरी |

सिटी रिपोर्टर | रांची

झारखंड में भवन नियमितीकरण योजना को शीघ्र प्रभावी बनाने की मांग को लेकर गुरुवार को झारखंड चैंबर द्वारा गठित स्पेशल कमेटी के चेयरमैन और निवर्तमान अध्यक्ष किशोर मंत्री के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने आग्रह किया कि भवन नियमितीकरण योजना को शीघ्र अंतिम रूप देकर लागू किया जाए, ताकि राज्यभर में लोगों को राहत मिल सके।

मंत्री ने अवगत कराया कि योजना पर कार्य प्रगति पर है और आगामी दो माह के भीतर ड्राफ्ट कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल ने आग्रह किया कि ड्राफ्ट कॉपी साझा की जाए, ताकि आवश्यक सुझाव या संशोधन समय रहते शामिल किए जा सकें।

मास्टर प्लान में संशोधन के संदर्भ में मंत्री ने अवगत कराया कि आवश्यकतानुसार उचित परिवर्तन किए जाएंगे, हालांकि संपूर्ण बदलाव संभव नहीं है। चैंबर के पूर्व कार्यकारिणी सदस्य पुनीत पोद्दार ने कहा कि झारखंड में बिल्डिंग रेगुलराइजेशन बिल समय की मांग है और इसका शीघ्र क्रियान्वयन राज्यहित में होगा। प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के 24 जिलों के व्यापारियों, शिक्षा और पर्यटन क्षेत्र से जुड़े सदस्यों की सहभागिता के साथ एक वृहद बैठक आयोजित करने का भी आग्रह किया, जिसपर मंत्री ने ड्राफ्ट प्रारूप तैयार होने के बाद बैठक के लिए आश्वस्त किया।

Reference : https://www.bhaskar.com/local/jharkhand/ranchi/news/building-regularization-scheme-should-be-made-effective-in-the-state-soon-chamber-135575978.html

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